एक महत्वपूर्ण सरकारी योजना है, जिसका उद्देश्य भारत में डेटा सेंटर (Data Centers) की अवसंरचना को मजबूत करना और डिजिटल इंडिया की दिशा में आगे बढ़ना है। यह योजना भारत सरकार द्वारा पेश की गई है और इसका मुख्य उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों में डेटा सेंटर की स्थापना करके डिजिटल सेवाओं की क्षमता और गति को बढ़ाना है।
यह योजना राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (National Infrastructure Pipeline) का हिस्सा है और इसमें प्रौद्योगिकी, डेटा प्रबंधन और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार करने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रधानमंत्री नोबट डेटा सेंटर योजना का उद्देश्य:
डिजिटल अवसंरचना को बढ़ावा देना: यह योजना डिजिटल अवसंरचना को बढ़ावा देने और डेटा सेंटर के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई है।
डिजिटल डेटा की सुरक्षा: डेटा सेंटर के माध्यम से भारत में उत्पन्न होने वाले डेटा का सुरक्षित और प्रभावी तरीके से प्रबंधन करना। यह योजना डेटा के गोपनीयता और सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाती है।
आर्थिक विकास: योजना के तहत स्थापित किए जाने वाले डेटा सेंटर आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगे, क्योंकि ये रोजगार उत्पन्न करने और नए व्यवसायों को प्रोत्साहित करने में मदद करेंगे।
मुलायम इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण: यह योजना उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग, डेटा स्टोरेज, और नेटवर्किंग जैसी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मुलायम इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करने में मदद करेगी।
योजना के प्रमुख लाभ:
नए रोजगार के अवसर: डेटा सेंटर की स्थापना के साथ विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, जैसे कि तकनीकी विशेषज्ञ, इंजीनियर, सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर, डेटा सुरक्षा विशेषज्ञ आदि।
स्थानीय डेटा सेंटर का विकास: भारतीय कंपनियों को अपनी डेटा स्टोरेज और प्रोसेसिंग के लिए विदेशी डेटा सेंटर पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, जिससे डेटा सुरक्षा में वृद्धि होगी और विदेशी डेटा की निर्भरता कम होगी।
आईटी सेवाओं का विकास: इससे भारतीय आईटी कंपनियों को अपने सर्विसेज की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही, क्लाउड सेवाओं और अन्य डिजिटल सेवाओं के लिए एक मजबूत आधारशिला बनेगी।