IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 22 नवंबर से पर्थ में शुरू हो रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज पांच टेस्ट मैचों की होगी। भारत ने पिछले दो दौरों में ऑस्ट्रेलिया को हराया था, और इस बार भारतीय फैंस को उम्मीद है कि टीम इंडिया जीत की हैट्रिक लगाए। हालांकि, भारत के लिए यह चुनौती आसान नहीं होगी क्योंकि मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई टीम शानदार फॉर्म में है। इसके अलावा, भारत ने हाल ही में घर पर न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 0-3 से हार का सामना किया है।
अगर पिछले दो दौरे को छोड़ दिया जाए, तो भारत का ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट रिकॉर्ड खास अच्छा नहीं रहा है। भारतीय टीम ने 1947 से ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया है और दोनों टीमों के बीच कई रोमांचक मुकाबले हुए हैं। अब तक भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कुल 52 टेस्ट मैच खेले गए हैं, जिनमें से भारत को केवल 9 मैचों में जीत मिली है, जबकि 13 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं और 30 मैचों में भारत को हार का सामना करना पड़ा है।
1947-48 : आस्ट्रेलिया ने पांच मैचों की सीरीज 4 – 0 से जीती.
भारत को स्वतंत्रता मिलने के लगभग चार महीने बाद भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया। उस समय ऑस्ट्रेलिया की टीम में महान बल्लेबाज सर डोनाल्ड ब्रैडमेन थे, जिन्होंने 178.75 की औसत से 715 रन बनाए। साथ ही, तेज गेंदबाज रे लिंडवाल ने भी 18 विकेट हासिल किए थे। भारत के लिए इस दौरे में विजय हजारे ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सर्वाधिक 429 रन बनाए।
1967-68 : आस्ट्रेलिया ने पांच मैचों की सीरीज 4 – 0 से जीती
एम एल जयसिम्हा की 101 रन की शानदार पारी के बावजूद भारतीय टीम ब्रिसबेन में 394 रन के लक्ष्य से 35 रन पीछे रह गई और हार गई। इस मैच में मंसूर अली खान पटौदी की कप्तानी वाली टीम का प्रदर्शन औसत रहा। हालांकि, आफ स्पिनर ईरापल्ली प्रसन्ना ने शानदार गेंदबाजी की और 25 विकेट चटकाए, जो उनके करियर की एक बड़ी उपलब्धि थी।
1977-78 : आस्ट्रेलिया ने पांच मैचों की सीरीज 3-2 से जीती
भारत ने मेलबर्न और सिडनी में तीसरा और चौथा टेस्ट मैच जीता। एडीलेड में 493 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए मोहिंदर अमरनाथ, गुंडप्पा विश्वनाथ, दिलीप वेंगसरकर और सैयद किरमानी ने शानदार शतक जमाए, लेकिन टीम 47 रन से हार गई। इस मैच में भारत के स्पिन गेंदबाज बिशन सिंह बेदी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 31 विकेट लिए।
1980-81 : तीन मैचों की सीरीज 1-1 से ड्रॉ हुई
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे टेस्ट मैच में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया को मेलबर्न में हराया और सीरीज को ड्रॉ करवा लिया। इस मैच में कपिल देव ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए पांच विकेट लिए, जबकि बल्लेबाज विश्वनाथ ने शानदार शतक जमाया। ऑस्ट्रेलियाई टीम भारतीय गेंदबाजों के सामने केवल 83 रन पर ढेर हो गई, जिससे भारत को मैच जीतने और सीरीज को ड्रॉ करने का मौका मिला। यह जीत भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पल के रूप में याद की जाती है।
1985-86 : तीन मैचों की सीरीज 0-0 से ड्रॉ.
इस श्रृंखला में सुनील गावस्कर ने 352 रन बनाकर सर्वाधिक रन बनाए। भारत का न्यूनतम स्कोर 445 रन था। ग्रेग चैपल, रॉड मार्श, डेनिस लिली और जैफ थॉमसन के संन्यास के बाद, ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत के खिलाफ कोई मजबूत चुनौती पेश करने में असमर्थ रही।
1991-92 : आस्ट्रेलिया ने पांच मैचों की सीरीज 4-0 से जीती
1992 के क्रिकेट विश्व कप में युवा सचिन तेंदुलकर ने पर्थ में शानदार शतक लगाया, लेकिन उस मैच के बावजूद एलेन बॉर्डर की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम ने सीरीज को आसानी से जीत लिया। इस सीरीज के दौरान दुनिया ने पहली बार महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न की गेंदबाजी का जलवा देखा, जिसने क्रिकेट जगत को अपनी कला से मंत्रमुग्ध कर दिया। वॉर्न की गेंदबाजी को लेकर क्रिकेट विशेषज्ञों और खिलाड़ियों ने उनकी कौशल और विविधता की सराहना की, जो उस समय के क्रिकेट के लिए एक नया आयाम था।
1999-2000 : आस्ट्रेलिया ने तीन मैचों की सीरीज 3-0 से जीती.
भारतीय टीम छह पारियों में 300 रन के आंकड़े को भी पार नहीं कर सकी। इस दौरान, ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज गेंदबाज ग्लेन मैकग्रा ने अपनी जबरदस्त गेंदबाजी से भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया और 18 विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया। उनकी सटीक और धारदार गेंदबाजी ने भारतीय टीम के बल्लेबाजों को काफी संघर्ष किया और उन्हें बड़ा स्कोर बनाने का मौका नहीं दिया।