Guru Nanak Jayanti 2024: गुरु नानक देव जी का जन्म दिवस, जिसे प्रकाश पर्व के रूप में भी जाना जाता है, इस वर्ष 15 नवंबर 2024 को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। यह दिन सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी के जन्म की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने पूरी दुनिया को समानता, सच्चाई और मानवता का सशक्त संदेश दिया। गुरु नानक देव जी का जीवन और उपदेश हमें हर जाति, धर्म और रंग के भेदभाव से ऊपर उठकर सभी को समान दृष्टि से देखने की प्रेरणा देते हैं।
इस पवित्र दिन पर विशेष रूप से गुरुद्वारों में कीर्तन, कथा और लंगर का आयोजन किया जाता है। कीर्तन में भक्तजन गुरुबानी का गायन करते हैं, जिससे गुरु नानक जी के उपदेशों और उनके जीवन से जुड़े प्रेरणादायक प्रसंगों का स्मरण होता है। लंगर में सभी को निःशुल्क भोजन प्रदान किया जाता है, जो गुरु नानक देव जी के आदर्शों का प्रतीक है कि मानवता की सेवा और सहयोग सबसे महत्वपूर्ण है। यह पर्व सिख समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और पूरे संसार में गुरु नानक जी की शिक्षाओं के प्रसार के रूप में मनाया जाता है।
गुरु नानक जयंती का त्योहार हर साल कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह विशेष दिन सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं और योगदान को याद करने के लिए समर्पित किया जाता है, जिन्होंने सत्य, प्रेम, भाईचारे और समाजिक समानता का संदेश दिया। इस वर्ष गुरु नानक जयंती 15 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी, और यह गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती है।
गुरु नानक जयंती के अवसर पर गुरुद्वारों में विशेष पूजा-अर्चना होती है, कीर्तन और भजन संकीर्तन का आयोजन किया जाता है। लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं और गुरुद्वारे में लंगर (सामूहिक भोजन) का आयोजन होता है, जिससे समाज में भाईचारे और सेवा का संदेश मिलता है। यह दिन सिख समुदाय के लिए बहुत महत्व रखता है और पूरे भारत के विभिन्न हिस्सों में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
गुरु नानक जी को सिख समुदाय का पहला गुरु माना जाता है। उनका जन्म 1469 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था। उनका वास्तविक नाम नानक था, लेकिन बाद में उन्हें गुरु नानक के नाम से जाना जाने लगा। वे एक महान संत, दार्शनिक, और आध्यात्मिक नेता थे। गुरु नानक जी ने समाज में व्याप्त आडंबरों, जातिवाद, और भेदभाव का विरोध किया और सभी इंसानों को एक समान मानने का संदेश दिया। उन्होंने धार्मिकता, मानवता, और ईश्वर के प्रति श्रद्धा को जीवन का आधार बताया।
गुरु नानक जी ने अपनी शिक्षाओं के माध्यम से एक ऐसे समाज की स्थापना का सपना देखा, जहाँ पर कोई भेदभाव न हो, और हर व्यक्ति को स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के सिद्धांतों के साथ जीवन जीने का अधिकार हो। उनका संदेश आज भी दुनिया भर में प्रेरणा का स्रोत है और सिख धर्म के अनुयायी उनके द्वारा बताए गए रास्ते पर चलने का प्रयास करते हैं।गुरु नानक जयंती उत्सव, जिसे प्रकाश पर्व भी कहा जाता है, सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह पर्व प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह की पूर्णिमा को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और आमतौर पर तीन दिनों तक चलता है। इस उत्सव के दौरान सिख समुदाय के लोग गुरुद्वारों में एकत्रित होकर गुरु नानक देव जी के जीवन और शिक्षाओं को श्रद्धा से याद करते हैं।