Big News: तकनीकी खामी के कारण देवघर से उड़ान नहीं भर सका प्रधानमंत्री मोदी का विमानप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विमान को तकनीकी गड़बड़ी के कारण झारखंड के देवघर एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैडिंग करवाई गई। प्रधानमंत्री मोदी झारखंड में विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे और वहां से दिल्ली लौटने के लिए रवाना हो रहे थे। विमान में कुछ तकनीकी समस्या उत्पन्न हो गई, जिसके बाद सुरक्षा के मद्देनजर पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू की।
देवघर एयरपोर्ट पर विमान सुरक्षित रूप से लैंड कर गया, और सभी यात्री सुरक्षित बताए गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी को किसी भी प्रकार की कोई शारीरिक चोट नहीं आई है। विमान की तकनीकी गड़बड़ी के बाद एयरलाइंस द्वारा मामले की जांच शुरू कर दी गई है, और स्थिति सामान्य होने के बाद प्रधानमंत्री का दिल्ली के लिए अगला विमान रवाना किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विमान को एक तकनीकी गड़बड़ी के कारण देवघर एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। यह घटना तब हुई जब प्रधानमंत्री झारखंड में चुनाव प्रचार करने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो रहे थे। विमान में आई तकनीकी समस्या के चलते, पायलट ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए देवघर एयरपोर्ट पर आपातकालीन लैंडिंग करने का निर्णय लिया।
प्रधानमंत्री मोदी के विमान की लैंडिंग सुरक्षित रही और वे बिना किसी परेशानी के विमान से बाहर निकले। इस घटना के बाद एयरलाइंस और स्थानीय अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है ताकि इस तरह की गड़बड़ी की वजह का पता लगाया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। प्रधानमंत्री मोदी को कोई चोट नहीं आई और वे निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार फिर से अपने यात्रा के अगले चरण के लिए रवाना हुए।
राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर को उड़ान भरने से रोका जाना एक प्रमुख घटना बन गई थी। यह घटना तब हुई जब कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी गोड्डा जिले में चुनावी सभा करने आए थे। सभा के दौरान, उनके हेलीकॉप्टर को अचानक उड़ान भरने से रोक दिया गया, जिससे वहां उपस्थित लोग और समर्थक स्तब्ध रह गए। इस बीच, पूरी भीड़ राहुल गांधी के साथ खड़ी हो गई, और यह घटनाक्रम तेजी से चर्चा का विषय बन गया।
महागामा में कांग्रेस की प्रत्याशी दीपिका पांडेय सिंह ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों की कड़ी आलोचना की और आरोप लगाया कि यह कदम राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से उठाया गया था। दीपिका पांडेय ने कहा कि यह घटना कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के खिलाफ एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे उपाय लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करते हैं और जनता के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।
इस घटना ने स्थानीय स्तर पर भी हलचल मचा दी और कई नेताओं ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देखा।