Chhattisgarh: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के मोवा स्थित आई स्पोर्ट्स बैडमिंटन एरीना में आयोजित सीएम ट्रॉफी इंडिया इंटरनेशनल चैलेंज बैडमिंटन स्पर्धा 2024 के समापन समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खिलाड़ियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने और खेल के अधो-संरचनाओं को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी को 3 करोड़ रुपए, रजत पदक विजेता को 2 करोड़ रुपए और कांस्य पदक विजेता को 1 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 2024 के सीएम ट्राफी इंडिया इंटरनेशनल चैलेंज बैडमिंटन टूर्नामेंट के समापन समारोह में कहा कि यह गर्व की बात है कि इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का आयोजन छत्तीसगढ़ में किया जा रहा है, जिसमें 10 देशों के खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। खेल सिर्फ प्रतिस्पर्धा का माध्यम नहीं है, बल्कि यह एकता, अनुशासन और समर्पण का प्रतीक भी है। यह युवाओं को सकारात्मक ऊर्जा से भरता है और उन्हें भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में खेलों को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं और यहां अनेक प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। राज्य में भारत सरकार की ‘खेलो इंडिया’ योजना को भी लागू किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह हमेशा खिलाड़ियों से बातचीत करके उनकी उम्मीदों को समझते हैं और उन्हें प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने हाल ही में धमतरी की बैडमिंटन खिलाड़ी रीतिका ध्रुव से वीडियो कॉल पर बात की और राष्ट्रीय स्तर पर उनकी सफलता के लिए बधाई दी। रीतिका ने बताया कि उनके पिता मजदूरी करते हैं और मां आंगनवाड़ी सहायिका हैं, फिर भी उन्होंने कठिन संघर्षों के बावजूद बैडमिंटन में शानदार प्रदर्शन किया है। मुख्यमंत्री ने रीतिका को आश्वस्त किया कि वह उन्हें पूरी तरह से सहयोग देंगे और वह अपने माता-पिता के साथ-साथ पूरे छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले उन्होंने छत्तीसगढ़ की पर्वतारोही बिटिया निशा से फोन पर बात की, जो तंजानिया के किलीमंजारो पर्वत पर चढ़ाई करना चाहती हैं और माउंट एवरेस्ट भी फतह करने का सपना देखती हैं। निशा के पिता रिक्शा चालक हैं, और आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण निशा पर्वतारोहण के लिए नहीं जा पा रही थी। मुख्यमंत्री ने उसे सरकार की ओर से सहयोग का भरोसा दिलाया और उसकी सहायता के लिए लगभग चार लाख रुपये स्वीकृत कर दिए हैं।