प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM KMY) एक महत्वपूर्ण पहल है जिसे भारतीय सरकार ने छोटे और सीमांत किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए शुरू किया है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को एक न्यूनतम पेंशन प्रदान करना है, जिससे वे अपनी वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा का अनुभव कर सकें।
किसान मानधन योजना भारत सरकार की एक पहल है, जिसका उद्देश्य किसानों को वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को 60 वर्ष की आयु के बाद मासिक पेंशन मिलती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। यह योजना किसानों को 55 रुपये से लेकर 200 रुपये तक के न्यूनतम मासिक योगदान पर आधारित है, और 60 वर्ष की आयु के बाद 3,000 रुपये प्रति माह पेंशन देने का वादा करती है। इसके जरिए किसानों को जीवनभर की आर्थिक सुरक्षा मिलती है, जो उन्हें बुढ़ापे में सहारा देती है।
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना का उद्देश्य:
- वृद्धावस्था पेंशन: योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को वृद्धावस्था में एक सुरक्षित और नियमित आय सुनिश्चित करना है।
- आर्थिक सुरक्षा: इस योजना से किसानों को कामकाजी जीवन के बाद आर्थिक परेशानी से बचाने के लिए पेंशन मिलती है।
- स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता: यह योजना किसानों को उनके जीवन के अंतिम समय में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक कदम है।
योजना की विशेषताएँ:
आवश्यकता: इस योजना का लाभ उन किसानों को मिलेगा जिनके पास 2 हेक्टेयर (5 एकड़) तक कृषि योग्य भूमि है।
पात्रता: इस योजना के लिए आवेदन करने वाले किसान की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
प्रदान की जाने वाली पेंशन: 60 वर्ष की आयु के बाद किसानों को मासिक पेंशन प्रदान की जाएगी। पेंशन की राशि ₹3,000 प्रति माह होगी।
संपूर्ण योजना में योगदान: किसानों को इस योजना में हर महीने एक निश्चित राशि का योगदान करना होगा, जिसे सरकार द्वारा समान राशि के साथ मैच किया जाएगा।