CG Alert: बैंड-बाजा-बारात पर GST की नजर, लग्जरी शादियों में खर्च पर होगी कड़ी निगरानी

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CG Alert: रायपुर शहर में वैवाहिक सीजन के आगमन के साथ ही बैंड-बाजा और बारात पर जीएसटी विभाग ने अपनी पैनी नजर रखनी शुरू कर दी है। 25 जून 2025 तक होने वाली शादियों को ध्यान में रखते हुए, सेंट्रल और राज्य जीएसटी टीम ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। यह कदम शादी समारोहों में होने वाली कारोबारी गतिविधियों के दौरान सही कर वसूली को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। विभाग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इन समारोहों से जुड़े सभी कारोबारी कर के दायरे में आकर उचित कर का भुगतान करें।

रायपुर, छत्तीसगढ़ में वैवाहिक सीजन के शुरू होते ही जीएसटी विभाग ने बैंड-बाजा और बारात पर कड़ी निगरानी रखनी शुरू कर दी है। इस साल की शादियों को लेकर जीएसटी विभाग की टीम विशेष रूप से सक्रिय हो गई है। 25 जून 2025 तक होने वाली शादियों को ध्यान में रखते हुए सेंट्रल और स्टेट जीएसटी टीम ने अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है। शादी के आयोजनों में होने वाली विभिन्न सेवाओं जैसे बैंड-बाजा, सजावट, हलवाई, और अन्य कार्यक्रमों पर टैक्स की निगरानी बढ़ा दी गई है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि किसी भी प्रकार की टैक्स चोरी को रोका जा सके और निर्धारित टैक्स की वसूली सुनिश्चित की जा सके।

जीएसटी चोरी के मामलों में छत्तीसगढ़ सरकार की सख्त कार्रवाई

विवाह के दौरान होने वाले बेहिसाब खर्च को ध्यान में रखते हुए, मैरिज पैलेस, इवेंट कंपनियां, कैटरिंग सर्विसेज और अन्य संबंधित सेक्टरों के टर्नओवर और टैक्स जमा करने की प्रक्रिया की जांच की जा रही है। प्रदेश भर में लगभग 4 लाख और रायपुर जिले में करीब 10 हजार शादियों का आयोजन होता है, जिनमें 5500 शादियाँ लग्जरी शादियाँ होने का अनुमान है। इसके चलते हर सेक्टर में जबरदस्त खरीदी की जा रही है।

महंगी शादियों में टैक्स चोरी और बिलिंग में हेराफेरी की घटनाएँ बढ़ने के कारण, वेडिंग सेक्टर से जुड़े लोगों को अब अपने हिसाब-किताब सही रखने के निर्देश दिए गए हैं। जांच के दौरान यदि कोई टैक्स चोरी करते हुए पकड़ा जाता है, तो उससे ब्याज और जुर्माने के साथ टैक्स की राशि वसूली जाएगी।

इसके अलावा, वैवाहिक और अन्य सामानों की खरीदी पर 3 से 18 प्रतिशत तक का टैक्स निर्धारित किया गया है। हालांकि, खरीदारी के बाद भी कई इवेंट मैनेजमेंट कंपनियाँ जीएसटी विभाग को टैक्स अदा नहीं करतीं, और टैक्स की हेराफेरी करने के लिए कच्चे लेन-देन का सहारा लिया जाता है।

विवाह के मौसम में खरीदी के ट्रेंड्स

इस समय बाजार में वैवाहिक सामानों की खरीददारी के साथ-साथ नवंबर और दिसंबर के लिए मैरिज गार्डन, बैंड-बाजा, कैटरिंग और इवेंट मैनेजमेंट की बुकिंग्स भी शुरू हो गई हैं। इनमें अधिकांश बड़े आयोजन हो रहे हैं और इस प्रक्रिया में दूसरे राज्यों की इवेंट कंपनियां भी शामिल हैं। इसे देखते हुए, मैरिज गार्डन संचालकों से इन कंपनियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। हालांकि, जो लोग वेडिंग पैकेज के तहत शादी करेंगे, उन्हें राहत मिलेगी। ऐसे ग्राहकों को अलग-अलग टैक्स नहीं देना होगा, बल्कि वे पैकेज के तहत एक ही बार में टैक्स का भुगतान करेंगे।

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