Andhra Pradesh: आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में एक नई शराब नीति लागू की है, जिसके तहत 180 मिलीलीटर की शराब की बोतल केवल 99 रुपये में उपलब्ध होगी। यह महत्वपूर्ण नीति 18 सितंबर को राज्य मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत की गई थी, और इसका मुख्य उद्देश्य शराब की बिक्री से होने वाले राजस्व में वृद्धि करना है। सरकार को उम्मीद है कि इस नए कदम से उसे 5,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। यह नीति न केवल शराब की उपलब्धता को बढ़ाएगी, बल्कि वित्तीय स्थिति को भी मजबूत करेगी, जिससे राज्य की विकास योजनाओं को समर्थन मिलेगा।इस नई नीति के अनुसार, राज्य में कुल 3,736 निजी दुकानों को लाइसेंस प्रदान किए गए हैं। ये लाइसेंस 12 अक्टूबर 2024 से लेकर 30 सितंबर 2026 तक मान्य रहेंगे। इस नीति के तहत भारतीय निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) और विदेशी शराब (एफएल) के लाइसेंस निजी व्यक्तियों या संस्थाओं को लॉटरी के माध्यम से आवंटित किए जा रहे हैं। यह कदम राज्य में शराब की बिक्री को नियंत्रित करने और उसे वैध बनाने के लिए उठाया गया है, जिससे व्यवसाय को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ सरकारी राजस्व में भी वृद्धि होगी। इस प्रक्रिया के द्वारा सरकार शराब की बिक्री में पारदर्शिता और नियमितता लाने की कोशिश कर रही है।सरकार ने ताड़ी निकालने वाले ‘गीता कुलालु’ समुदाय को सशक्त बनाने के लिए 340 दुकानों का आवंटन किया है। इस प्रक्रिया में लॉटरी सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें आवेदकों का चयन इस सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा। हर आवेदक से दुकान के लिए 2 लाख रुपये का गैर-वापसी योग्य शुल्क लिया जा रहा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल गंभीर और योग्य लोग ही इस अवसर का लाभ उठाएं। इस कदम का मुख्य उद्देश्य गीता कुलालु समुदाय की आर्थिक स्थिति में सुधार करना और उन्हें स्वावलंबी बनाना है।राज्य की नई शराब नीति ने हरियाणा और अन्य राज्यों के मॉडल का अनुसरण करते हुए राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस नीति का मुख्य लक्ष्य शराब के बिक्री से होने वाले राजस्व में वृद्धि करना है, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सके।
इस नीति के तहत शराब की बिक्री के लिए लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल किया गया है और विभिन्न प्रकार की शराब की श्रेणियों को मान्यता दी गई है। इसके अतिरिक्त, इस नीति में युवाओं और समाज के अन्य वर्गों के बीच शराब के दुरुपयोग को रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने की भी योजना है।
राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि शराब की बिक्री नियंत्रित और सुरक्षित तरीके से की जाए, जिससे सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखा जा सके। यह नई नीति आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी को भी प्राथमिकता देती है।