Animation Policy: केरल के बाद मध्य प्रदेश देश का दूसरा राज्य बनने जा रहा है, जो एनिमेशन पॉलिसी लागू करेगा। यह कदम राज्य सरकार की ओर से एनिमेशन उद्योग को बढ़ावा देने और इसे एक संरचित दिशा में विकसित करने के लिए उठाया गया है। एनिमेशन सेक्टर को केंद्रीय सरकार ने “सनराइज सेक्टर” के रूप में चुना है, जिससे यह साफ होता है कि इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विकास की संभावना है और यह भविष्य में रोजगार के अवसरों का एक बड़ा स्रोत बन सकता है।
केंद्र सरकार की इस पहल के बाद, पूरे देश के 10 राज्यों ने एनिमेशन क्षेत्र में अपनी नीति बनाने पर विचार शुरू कर दिया है। इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य एनिमेशन, विज़ुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स (AVGC) उद्योग को एक निश्चित ढांचे में लाकर उसे तेज़ी से आगे बढ़ाना है।
मध्य प्रदेश में यह पॉलिसी लागू होने के बाद, राज्य में एनिमेशन स्टूडियोज़, गेम डेवलपमेंट कंपनियाँ, और फिल्म प्रोडक्शन हाउस के लिए एक संरचित और प्रोत्साहक माहौल बनेगा। इसके साथ ही, राज्य में इस क्षेत्र से जुड़े प्रशिक्षित पेशेवरों की संख्या भी बढ़ेगी। इससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी एक नया आयाम मिलेगा।
एनिमेशन सेक्टर में मध्य प्रदेश के कदम से न केवल राज्य की पहचान बनेगी, बल्कि यह क्षेत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाएगा।
मध्य प्रदेश, जो पहले से ही आईटी के क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है, अब एनिमेशन उद्योग में भी अपनी पहचान बनाने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है। राज्य सरकार ने एनिमेशन नीति के ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी है और यह उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस नीति को कैबिनेट से हरी झंडी मिल जाएगी। इस नीति के लागू होने के बाद, मध्य प्रदेश एनिमेशन नीति को अपनाने वाला देश का दूसरा राज्य बन जाएगा। इससे पहले, केरल ने अपनी एनिमेशन नीति लागू की थी, जो राज्य में एनिमेशन और ग्राफिक्स से जुड़ी परियोजनाओं को प्रोत्साहित करती है।
मध्य प्रदेश का यह कदम राज्य में एनिमेशन उद्योग को प्रोत्साहित करने, रोजगार सृजन करने और युवा प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। इस नीति के माध्यम से, राज्य सरकार एनिमेशन, वीएफएक्स (विज़ुअल इफेक्ट्स), गेम डेवलपमेंट, और मल्टीमीडिया से जुड़ी कंपनियों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने की योजना बना रही है। इससे राज्य में नए निवेश के अवसर पैदा होंगे और युवाओं को एनिमेशन के क्षेत्र में प्रशिक्षण और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
एनिमेशन नीति में सरकार द्वारा उद्योग को दी जाने वाली सुविधाएं और प्रोत्साहन जैसे कि सॉफ्टवेयर पर टैक्स छूट, प्रशिक्षण संस्थानों के लिए सहायता, और बुनियादी ढांचे की उपलब्धता जैसी योजनाओं को शामिल किया जाएगा। इस नीति के लागू होने के बाद, मध्य प्रदेश एनिमेशन और ग्राफिक्स उद्योग के क्षेत्र में एक मजबूत हब बन सकता है, जिससे न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि यह पूरे देश में भी मध्य प्रदेश की पहचान को मजबूती से स्थापित करेगा।
केंद्र सरकार ने हाल ही में एनिमेशन सेक्टर को “सनराइज सेक्टर” के रूप में चुना है और इस दिशा में केंद्रीय स्तर पर एनिमेशन नीति लागू करने का फैसला लिया है। एनिमेशन इंडस्ट्री को एक उभरते हुए और विकासशील क्षेत्र के रूप में पहचाना गया है, जिसमें बहुत अधिक संभावनाएं हैं और यह आने वाले समय में बड़ी आर्थिक वृद्धि का स्रोत बन सकता है।
इस नीति के अंतर्गत, केंद्र सरकार का उद्देश्य एनिमेशन, विज़ुअल इफेक्ट्स (VFX), गेमिंग और मनोरंजन उद्योगों को एक साथ मिलाकर उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। इसमें एनिमेशन और VFX के उद्योग में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने, नए तकनीकी सुधारों को अपनाने और इंडस्ट्री को एक स्थिर विकास की दिशा में आगे बढ़ाने के उपाय किए जाएंगे।
केंद्र सरकार द्वारा इस नीति को लागू किए जाने के बाद, करीब दस राज्यों ने भी अपनी-अपनी एनिमेशन नीति बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन राज्यों का लक्ष्य भी एनिमेशन सेक्टर में निवेश आकर्षित करना और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना है। राज्य सरकारें एनिमेशन कंपनियों के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर, वित्तीय समर्थन और अन्य सुविधाएं प्रदान करने की योजना बना रही हैं।
इस पहल से भारत में एनिमेशन उद्योग को एक नई पहचान मिलने की संभावना है, जिससे ना केवल देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारतीय एनिमेशन की साख मजबूत होगी।
मध्य प्रदेश सरकार ने नवंबर 2023 में एनिमेशन नीति को लेकर कार्य शुरू किया था, जिसका उद्देश्य राज्य में एनिमेशन, विज़ुअल इफेक्ट्स (VFX), गेमिंग और मोशन पिक्चर के क्षेत्र को प्रोत्साहित करना है। इस नीति का उद्देश्य स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एनिमेशन उद्योग को बढ़ावा देना है, जिससे राज्य में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो सकें और राज्य की आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाया जा सके।