BIG NEWS : जयपुर में चल रही रामकथा के दौरान जगदगुरु रामभद्राचार्य ने आरक्षण के मुद्दे पर कई अहम बातें कही। उन्होंने कहा कि हमारे राजनेता छोटी-छोटी जातियों के बीच भेदभाव कर समाज को बांट रहे हैं। यदि सरकारों में दम हो, तो जाति के आधार पर आरक्षण को समाप्त कर दिया जाए और इसके स्थान पर आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू किया जाए। ऐसा करने से जातिवाद की प्रथा खुद ही समाप्त हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाए तो समाज में किसी भी जाति का भेदभाव नहीं रहेगा। कोई भी SC, ST, OBC का भेद नहीं रहेगा, सभी हिंदू एक ही समुदाय का हिस्सा होंगे।
रामभद्राचार्य ने बुधवार को विद्याधर नगर स्टेडियम में राम-भरत मिलाप के प्रसंग को सुनाते हुए कहा कि सवर्ण जाति में जन्म लेकर क्या हमने कोई पाप किया है? वे यह मानते हैं कि यदि सवर्ण जाति का बच्चा शत-प्रतिशत अंक लेकर जूता सिलाई का काम करता है तो उसमें कोई बुराई नहीं है। उनके अनुसार हिंदू समाज में कोई अस्पृश्य नहीं है और न ही कोई अछूत है। चारों वर्ण भगवान की रचना हैं: ब्राह्मण भगवान का मुख हैं, क्षत्रिय भगवान की भुजा हैं, वैश्य भगवान की पलथी हैं, और शूद्र भगवान के चरण हैं।