BRICS Summit: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के कजान में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे हैं। यह सम्मेलन ब्रिक्स देशों, यानी ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं का एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां वे वैश्विक आर्थिक स्थिति, सहयोग, सुरक्षा और अन्य सामयिक मुद्दों पर चर्चा करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे का उद्देश्य भारत की विदेश नीति को मजबूत करना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के हितों को आगे बढ़ाना है। सम्मेलन में मोदी विभिन्न नेताओं के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय वार्ता करेंगे, जो कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुटता और सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित करती है।आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक होने जा रही है। वैश्विक हालात के मद्देनज़र, यह बैठक कई मायनों में बेहद अहम मानी जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग का पिछला आमना-सामना 2019 में ब्राजील में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हुआ था। इसके बाद, 2024 में रूस में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान दोनों नेता फिर से एक-दूसरे से मिल रहे हैं। रूस के कजान शहर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस द्विपक्षीय वार्ता की पुष्टि की है, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगी।गौर करने वाली बात यह है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग को लेकर भारत और चीन के बीच बनी सहमति के बाद दोनों देशों के बीच यह महत्वपूर्ण बैठक हो रही है। पिछले कुछ वर्षों से पूर्वी लद्दाख में चल रहे सैन्य गतिरोध ने दोनों देशों के रिश्तों में तनाव पैदा किया था। अब, यह बैठक एक सकारात्मक संकेत है, जो दर्शाता है कि भारत और चीन के बीच सहयोग और संवाद की दिशा में कदम बढ़ रहे हैं।
यह सहमति इस बात की पुष्टि करती है कि दोनों पक्षों ने अपनी सुरक्षा चिंताओं को समझने और उन्हें हल करने के लिए एक मंच तैयार किया है। इससे न केवल सीमाई क्षेत्रों में शांति और स्थिरता स्थापित करने की संभावना बढ़ती है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास को भी मजबूत कर सकता है। इस बैठक के परिणामस्वरूप, आशा की जाती है कि भविष्य में दोनों देशों के बीच सीमावर्ती विवादों का समाधान करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।