CG Medical College: हाल ही में सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों के लिए एक नई नीति लागू की गई है, जिसके तहत उन्हें छुट्टियों के लिए ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य कर दिया गया है। इस व्यवस्था के अनुसार, यदि कोई डॉक्टर छुट्टी के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं करता है, तो उनकी अनुपस्थिति (अब्सेंट) मान ली जाएगी।
यह निर्णय डॉक्टरों की अनुपस्थिति की समस्याओं को हल करने और कार्यस्थल पर अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया से न केवल छुट्टियों के प्रबंधन में पारदर्शिता आएगी, बल्कि इससे डॉक्टरों की छुट्टियों का रिकॉर्ड भी सहेजा जा सकेगा।
इस नीति के तहत, डॉक्टरों को अब छुट्टियों की योजना बनाते समय अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वे समय पर ऑनलाइन आवेदन करें, ताकि उनकी अनुपस्थिति का कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
इस कदम से मेडिकल कॉलेजों में कार्यप्रवाह में सुधार की उम्मीद की जा रही है, जिससे मरीजों को बेहतर सेवाएँ मिल सकेंगी।डॉक्टरों के लिए नई छुट्टी नीति: ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य
अब सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों को छुट्टियों के लिए ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य कर दिया गया है। अगर डॉक्टर इस प्रक्रिया का पालन नहीं करते हैं, तो उन्हें “अब्सेंट” माना जाएगा।
इस बदलाव के पीछे नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने एक आधार आधारित सिस्टम विकसित किया है, जिससे छुट्टी की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सके। इस नई नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि डॉक्टरों की अनुपस्थिति को सही तरीके से ट्रैक किया जा सके और उनकी जिम्मेदारियों का सही ढंग से निर्वहन हो सके।
इस निर्णय से न केवल डॉक्टरों को अपनी छुट्टियों का सही तरीके से प्रबंधन करने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे कॉलेजों और अस्पतालों में सेवाओं की निरंतरता भी बनी रहेगी। यह कदम स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था और कामकाजी संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।नेहरू मेडिकल कॉलेज: आधार इनेबल्ड बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम की अनिवार्यता
नेहरू मेडिकल कॉलेज के डीन ने सभी विभागाध्यक्षों (एचओडी) को एक महत्वपूर्ण पत्र लिखा है, जिसमें सभी डॉक्टरों को आधार इनेबल्ड बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम (एईबीएएस) के माध्यम से छुट्टियों के लिए आवेदन करने की आवश्यकता को स्पष्ट किया गया है।
इस पत्र में बताया गया है कि अगर डॉक्टर इस प्रणाली का उपयोग करके छुट्टियों के लिए आवेदन नहीं करते हैं, तो उनकी छुट्टियां अप्रूव नहीं की जाएंगी।
डीन का यह कदम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है कि सभी स्वास्थ्यकर्मी अपनी अनुपस्थिति की जानकारी को सही तरीके से प्रस्तुत करें। एईबीएएस प्रणाली न केवल अनुपस्थिति को ट्रैक करने में मदद करेगी, बल्कि यह संस्थान की कार्यकुशलता और पारदर्शिता को भी बढ़ाएगी।
इस नए नियम के कार्यान्वयन से उम्मीद की जा रही है कि डॉक्टरों की छुट्टियों का प्रबंधन और अधिक व्यवस्थित और कुशल हो जाएगा, जिससे मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ मिल सकेंगी।एनएमसी का नया बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम: डॉक्टरों और छात्रों के लिए
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने डॉक्टरों और छात्रों के लिए बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू किया है, जो शैक्षणिक और पेशेवर क्षेत्र में अनुशासन और समय की पाबंदी को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से है। यह प्रणाली न केवल उपस्थिति को ट्रैक करती है, बल्कि अब लीव प्रबंधन के लिए भी विकसित की गई है।