CG NEWS : 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर महानदी और सरोवरों पर स्नान और दीपदान की परंपरा का निर्वहन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी। ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालु गहरे शीतल जल में उतरकर ठंड में स्नान करने पहुंचे। इसके साथ ही उन्होंने दीपदान और पूजा-अर्चना की। इस दिन का विशेष आकर्षण पोरथधाम और चित्रोत्पला गंगा घाट था, जहां मेला सा माहौल था। पोरथधाम, जो एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, में इस साल कार्तिक पूर्णिमा स्नान के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, जो सारंगढ़, बिलाईगढ़, रायगढ़ जिले के विभिन्न हिस्सों से थे। इसके अलावा उड़ीसा के श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में यहां आए थे, क्योंकि यह क्षेत्र उड़िया बाहुल्य है।
कार्तिक चतुर्दशी को आंवला चतुर्दशी के रूप में मनाने की परंपरा भी यहां थी, और गांव-गांव में पूजा अर्चना की गई। रात भर भजन कीर्तन और रात्रि जागरण का आयोजन हुआ। 15 नवंबर को सुबह 4 बजे श्रद्धालुओं ने पुन्नी स्नान किया और पूजा अर्चना की। इस दौरान हर हर महादेव और हर हर गंगे का उद्घोष करते हुए उन्होंने उगते सूर्य को अधर्य अर्पित किया और सुख-समृद्धि की कामना की।
श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर दान-पुण्य किया और कार्तिक मास के पूजन अनुष्ठान का पारण करके श्री और समृद्धि की कामना की। महिला श्रद्धालुओं ने कार्तिक स्नान के बाद सामूहिक रूप से महा आरती की और भगवान भोलेनाथ से विश्व कल्याण की कामना की।