छत्तीसगढ़: प्रदेश में शासकीय राशन दुकानों में कार्यरत सेल्समैन आज से अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। यह प्रदेशव्यापी हड़ताल राशन दुकानदार एवं विक्रेता कल्याण संघ छत्तीसगढ़ के बैनर तले आयोजित की गई है।
सेल्समैनों की मांगों में मुख्यतः उचित वेतन, बेहतर कार्य परिस्थितियाँ, नौकरी की स्थिरता, और आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता शामिल हैं। इनकी हड़ताल के कारण प्रदेशभर में राशन वितरण में बाधा उत्पन्न हो रही है, जिससे गरीब और जरूरतमंद लोगों को खाद्य सामग्री की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
संघ के नेताओं ने बताया कि यदि उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया, तो हड़ताल को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने सरकार से अपील की है कि वे उनके मुद्दों को गंभीरता से लें और जल्द ही समाधान प्रदान करें। यह हड़ताल न केवल सेल्समैनों के लिए, बल्कि प्रदेश के राशन वितरण प्रणाली के लिए भी एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गई है।
राशन दुकानदारों का यह आंदोलन इस बात की ओर इशारा करता है कि सरकारी कर्मचारियों की आवाज़ों को सुनना कितना आवश्यक है, ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभा सकें और जनता को राहत प्रदान कर सकें।सेल्समैनों का अनिश्चितकालीन आंदोलन: खाद्य मंत्री से वार्ता का असर
2 अक्टूबर से छत्तीसगढ़ के सेल्समैन अनिश्चितकालीन आंदोलन पर जाने की घोषणा कर चुके हैं। खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल के साथ की गई वार्ता के बावजूद उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है, जिससे राशन वितरण प्रणाली पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका बढ़ गई है।
सेल्समैनों का यह आंदोलन खाद्य सुरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे राशन वितरण प्रणाली के मुख्य भाग हैं। यदि आंदोलन आरंभ होता है, तो इससे राशन की आपूर्ति में रुकावट आ सकती है, जिससे गरीब और जरूरतमंद परिवारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
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सेल्समैनों ने अपनी समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है और यह स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे। इस स्थिति ने सरकारी अधिकारियों के समक्ष एक चुनौती उत्पन्न कर दी है, क्योंकि राशन वितरण प्रणाली की सुचारुता सुनिश्चित करना उनके लिए प्राथमिकता होनी चाहिए।
इस प्रकार, यदि स्थिति को जल्दी नहीं सुलझाया गया, तो इसका नकारात्मक प्रभाव न केवल सेल्समैनों पर बल्कि समाज के वंचित वर्ग पर भी पड़ेगा, जो राशन पर निर्भर हैं। सभी की नजर अब सरकार और सेल्समैनों के बीच इस मुद्दे के समाधान पर है।महासचिव विजय धृतलहरे की प्रमुख मांगें
महासचिव विजय धृतलहरे ने हाल ही में सेल्समैन की प्रमुख मांगों को सामने रखा है, जो निम्नलिखित बिंदुओं पर आधारित हैं:
- इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन की गुणवत्ता में सुधार: सेल्समैनों ने इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीनों की गुणवत्ता को लेकर चिंता जताई है। उनका मानना है कि मशीनों की कार्यक्षमता में सुधार लाने से राशन वितरण प्रक्रिया अधिक सटीक और विश्वसनीय हो जाएगी।
- राशन आवंटन में बढ़ती अनियमितताओं का समाधान: राशन वितरण प्रणाली में लगातार बढ़ती अनियमितताएँ, जैसे कि गलत आवंटन और अनियमित वितरण, को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
- वित्तीय सहायता की समय पर उपलब्धता और मार्जिन राशि में वृद्धि: सेल्समैनों ने वित्तीय सहायता को समय पर उपलब्ध कराने और उनकी मार्जिन राशि में वृद्धि की मांग की है, ताकि उन्हें अपने काम को सुचारू रूप से संचालित करने में सहायता मिल सके।
- राशन भंडारण में सुधार हेतु नई कनेक्टिविटी की व्यवस्था: राशन भंडारण को बेहतर बनाने के लिए नई कनेक्टिविटी की व्यवस्था की आवश्यकता है, जिससे कि भंडारण सुविधाएं और अधिक प्रभावी हो सकें।
- राशन वितरण के अलावा अन्य कार्यों के लिए अतिरिक्त पारिश्रमिक: सेल्समैनों ने राशन वितरण के अलावा अन्य कार्यों के लिए भी उचित पारिश्रमिक की मांग की है, ताकि उनकी मेहनत का उचित मुआवजा मिल सके।
- कोरोना काल की अनुदान राशि का शीघ्र भुगतान: महामारी के दौरान सेल्समैनों को मिलने वाले अनुदान की राशि का शीघ्र भुगतान करने की भी मांग की गई है, जिससे उन्हें आर्थिक सहायता मिल सके।
इन मांगों के साथ, महासचिव विजय धृतलहरे ने सरकार से अपेक्षा की है कि वह इन मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई करे, ताकि सेल्समैनों की कठिनाइयों का समाधान किया जा सके और उनके कार्य की स्थिति में सुधार हो।