Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज दोपहर 3:45 बजे केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से वाणिज्य भवन, दिल्ली में मुलाकात करेंगे। इस महत्वपूर्ण बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य की विकास योजनाओं पर चर्चा के साथ-साथ नई औद्योगिक नीति के विषय में भी विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके अलावा, राज्य में व्यापार एवं निवेश के अवसरों को लेकर भी गहन बातचीत की उम्मीद है। इस बैठक से छत्तीसगढ़ के विकास के लिए नई संभावनाएं खुल सकती हैं, जो प्रदेश की आर्थिक प्रगति में सहायक साबित होंगी।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही में केंद्रीय मंत्री से राज्य की नई औद्योगिक नीति पर सुझाव लेने का निर्णय लिया है। इस बैठक में वे औद्योगिक कॉरिडोर की संभावनाओं पर भी विस्तार से चर्चा करेंगे। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में औद्योगिक ढांचे को मजबूत करने के लिए निवेश के अवसरों पर भी विचार-विमर्श करने का आश्वासन दिया है। यह बैठक राज्य के औद्योगिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, जिससे छत्तीसगढ़ में उद्योगों के विकास और निवेश को
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को रायपुर आने का आमंत्रण देने की योजना बनाई है। इस आमंत्रण का उद्देश्य मंत्री को राज्य की औद्योगिक परियोजनाओं का निरीक्षण करने और स्थानीय उद्योगों के साथ संवाद स्थापित करने का अवसर प्रदान करना है। यह संवाद न केवल औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने में सहायक होगा, बल्कि स्थानीय उद्योगों की समस्याओं और आवश्यकताओं को समझने में भी मदद करेगा।
साथ ही, राज्य में नई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के निर्माण पर भी चर्चा की जाएगी। इस कॉरिडोर से संबंधित परियोजनाओं को गति देने के लिए कई रणनीतियों पर विचार किया जाएगा, जिससे राज्य में औद्योगिक विकास को और भी तेज किया जा सके। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के बीच यह संवाद औद्योगिक नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का दिल्ली दौरा हाल ही में काफी महत्वपूर्ण रहा है। कल उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य की विकास योजनाओं और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रही शांति एवं विकास कार्यों पर विस्तृत चर्चा की गई। इस बातचीत का उद्देश्य राज्य में विकास की गति को तेज करना और नक्सल समस्या का समाधान निकालना था।