ब्लैक होल (Black Hole) ऐसे रहस्यमयी पिंड होते हैं जिनमें गुरुत्वाकर्षण (gravity) इतना ज़बरदस्त होता है कि रोशनी भी वहां से बाहर नहीं निकल सकती!
लेकिन सिर्फ इतना ही नहीं — ब्लैक होल के पास समय भी धीमा हो जाता है।
अल्बर्ट आइंस्टीन की जनरल रिलेटिविटी के अनुसार, जितना ज़्यादा गुरुत्वाकर्षण, उतना ही धीमा समय।
ब्लैक होल के पास तो गुरुत्वाकर्षण चरम पर होता है, इसलिए वहाँ समय लगभग रुक जाता है।
क्या होता अगर कोई ब्लैक होल के पास जाए?
अगर कोई व्यक्ति ब्लैक होल के पास बहुत पास तक जाए (बिना अंदर गिरे), तो उसके लिए समय धीरे-धीरे बीतेगा, जबकि पृथ्वी पर समय बहुत तेज़ गुज़रेगा।
जब वह वापस आएगा, तो उसे लगेगा कि कुछ ही घंटे बीते हैं, लेकिन पृथ्वी पर शायद सैकड़ों साल निकल चुके होंगे!
इसे समझना क्यों जरूरी है?
ब्लैक होल सिर्फ ब्रह्मांड के रहस्य नहीं हैं — वो हमारी समझ को चुनौती देते हैं कि समय, स्थान और वास्तविकता क्या होती है।
यह सोच हमें नए स्तर पर विज्ञान और अस्तित्व को समझने के लिए प्रेरित करता है।
Bonus Fact:
2019 में वैज्ञानिकों ने पहली बार एक ब्लैक होल की असल तस्वीर ली थी, जिसे “Event Horizon Telescope” ने कैप्चर किया था। इसे “सदी की खोज” कहा गया।