एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय योजना (EMRS) भारतीय सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य आदिवासी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। इस योजना का नाम महाभारत के महान धनुर्धर एकलव्य के नाम पर रखा गया है, जो शिक्षा के महत्व को दर्शाता है। यह योजना आदिवासी क्षेत्रों में उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना करने के लिए बनाई गई है, जहां छात्रों को आवासीय सुविधाओं के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिल सके।
उद्देश्य:
आदिवासी छात्रों के लिए शिक्षा का स्तर सुधारना: इस योजना का प्रमुख उद्देश्य आदिवासी समुदाय के बच्चों को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है ताकि वे भविष्य में समाज के मुख्यधारा में शामिल हो सकें।
आधुनिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ना: यह विद्यालय उच्च शिक्षा के अलावा तकनीकी, विज्ञान, गणित, कला, और अन्य क्षेत्रों में छात्रों को शिक्षा देने के लिए तैयार हैं।
पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को बदलना: आदिवासी छात्रों को पारंपरिक शिक्षा से परे जाकर, उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना।
विशेषताएँ:
आवासीय विद्यालयों की स्थापना: इन विद्यालयों में छात्रों के रहने और खाने-पीने की पूरी व्यवस्था होती है। विद्यार्थियों को आधुनिक और अच्छे शैक्षिक संसाधनों के साथ-साथ सुरक्षित आवास भी मिलता है।
समय-समय पर शिक्षक प्रशिक्षण: इन विद्यालयों में शिक्षकों को भी समय-समय पर प्रशिक्षित किया जाता है, ताकि वे छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा दे सकें।
मूलभूत ढांचा और सुविधाएँ: विद्यालयों में पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशाला, खेल कक्ष, कला और संगीत कक्ष जैसी सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं।
स्कॉलरशिप और वित्तीय सहायता: छात्रों को मुफ्त शिक्षा, भोजन, आवास, और अन्य आवश्यकताएँ सरकार द्वारा प्रदान की जाती हैं। इसके अलावा, उन्हें विभिन्न छात्रवृत्तियाँ भी दी जाती हैं।