Hybrid गाड़ियों पर 4 लाख तक की बचत, योगी सरकार का ऐलान

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आज के इस लेख में हम हाइब्रिड कारों पर लगने वाले टैक्स और इससे संबंधित सभी जानकारी के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। जैसे-जैसे पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ रही है, वैसे-वैसे हाइब्रिड कारों की मांग भी बढ़ती जा रही है। हाइब्रिड कारें आम कारों की तुलना में पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होती हैं और इनकी ईंधन दक्षता भी बेहतर होती है। इससे न केवल प्रदूषण कम होता है, बल्कि ईंधन की खपत भी घटती है, जो लंबे समय में पैसे की बचत करने में मदद करती है।

हाइब्रिड कार क्या होती है?
हाइब्रिड कारें ऐसी वाहन होती हैं, जो पेट्रोल/डीजल और इलेक्ट्रिक बैटरी दोनों के माध्यम से चलती हैं। ये दो प्रकार के ईंधन स्रोतों का मिश्रण उपयोग करती हैं, जिससे न केवल ईंधन की खपत कम होती है, बल्कि यह कार पर्यावरण के लिए भी बेहतर साबित होती है।

हाइब्रिड कारों पर टैक्स:
भारत में हाइब्रिड कारों पर लागू टैक्स की दरें अलग-अलग होती हैं और यह सरकार के नीति निर्धारण और हर राज्य की टैक्स संरचना पर निर्भर करती हैं। आमतौर पर, हाइब्रिड कारों पर GST (Goods and Services Tax) का दायरा 28% है, लेकिन कुछ राज्यों में इसके अतिरिक्त अन्य टैक्स भी हो सकते हैं। हालांकि, कुछ राज्यों में पर्यावरण को लाभ पहुंचाने वाली हाइब्रिड कारों पर टैक्स में छूट भी दी जाती है ताकि इनका प्रोत्साहन बढ़ सके।

GST और हाइब्रिड कारें:
भारत सरकार द्वारा हाइब्रिड कारों पर GST की दर 28% तय की गई है, जो सामान्य तौर पर किसी अन्य लग्जरी कार पर लागू टैक्स से थोड़ा ज्यादा है। हालांकि, अगर कारों में कोई विशेष पर्यावरणीय लाभ है, जैसे कि कम उत्सर्जन, तो ऐसे वाहनों के लिए टैक्स रेट्स में छूट दी जा सकती है।

इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों पर सरकार की नीति:
भारत सरकार ने हाल के वर्षों में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं के तहत, सरकार ने इन वाहनों पर सब्सिडी देने का ऐलान किया है, जिससे इनकी खरीदारी के लिए टैक्स में राहत मिल सकती है। इसके अलावा, हाइब्रिड कारों को सड़क पर चलाने के लिए कुछ विशेष सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा सकती हैं।

GST On Hybrid Car

भारत में हाइब्रिड कारों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) का निर्धारण विभिन्न कारकों पर आधारित होता है, जिसमें मुख्य रूप से कार की इंजन क्षमता और अन्य विशेषताएँ शामिल होती हैं। हाइब्रिड कार एक ऐसा वाहन होता है जो पेट्रोल और बैटरी (इलेक्ट्रिक पावर) दोनों के द्वारा चल सकता है। इसका उद्देश्य ईंधन दक्षता को बढ़ाना और पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करना होता है।

हालांकि हाइब्रिड कारों को पर्यावरणीय दृष्टि से एक सकारात्मक कदम माना जाता है, लेकिन भारत में इन पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दर अन्य पारंपरिक पेट्रोल और डीजल वाहनों से अधिक है। वर्तमान में हाइब्रिड कारों पर 28% GST लागू होता है, जो कि किसी अन्य सामान्य पेट्रोल या डीजल कार पर लागू GST की दर से उच्च है। इसके अतिरिक्त, हाइब्रिड कारों पर 28% GST के साथ एक अतिरिक्त “सेस” (शुल्क) भी लगाया जाता है, जो कार की इंजन क्षमता और अन्य विशेषताओं के आधार पर भिन्न होता है।

उदाहरण के लिए, यदि कोई हाइब्रिड कार उच्च इंजन क्षमता वाली है, तो उस पर GST के साथ अधिक सेस भी लागू किया जा सकता है। यह सेस सरकार के द्वारा वाहन के प्रकार और पर्यावरणीय प्रभाव को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किया जाता है।

भारत सरकार का यह कदम हाइब्रिड वाहनों को बढ़ावा देने के बजाय उनके लिए उच्च कर दर लागू करके पेट्रोल-डीजल वाहनों की तुलना में उन्हें और महंगा बना सकता है, जिससे कुछ लोगों को इन्हें खरीदने से हतोत्साहित भी किया जा सकता है।

इस टैक्स नीति में बदलाव और सुधार के लिए समय-समय पर चर्चा होती रही है, लेकिन अभी तक हाइब्रिड कारों पर GST दर में कोई विशेष कमी नहीं आई है।

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