International News: कोविड-19 के प्रकोप के दौरान भारत और नेपाल के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा को बंद कर दिया गया था, लेकिन अब इसे पर्यटकों और श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए खोल दिया गया है। यह कदम दोनों देशों के बीच पर्यटन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा। इस सीमा के खुलने से पर्यटक अब भारत और नेपाल के प्राकृतिक और रमणीक स्थलों का भ्रमण कर सकेंगे, जिससे दोनों देशों को पर्यटन क्षेत्र में आर्थिक लाभ होगा।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने इस जानकारी को साझा करते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को और अधिक मजबूती मिलेगी। इस सीमा के पुनः खुलने से भारत और नेपाल के बीच पर्यटन, व्यापार, और अन्य गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है। यह कदम दोनों देशों के नागरिकों के बीच आपसी समझ और मित्रता को भी बढ़ावा देगा।
धनगढ़ी और गौरीफंटा क्रासिंग दो वर्षों से थी बंद
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि भारत-नेपाल के बीच स्थित धनगढ़ी और गौरीफंटा क्रॉसिंग दो वर्षों से बंद थी। अब, इस सीमा को फिर से खोला गया है, जिससे प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। गौरीफंटा-धनगढ़ी सीमा को फिर से खोलने से यह मार्ग विभिन्न प्रकार के परिदृश्यों और विविध वन्य जीवन तक सीधी पहुंच प्रदान करता है।
यह क्षेत्र उप्र के लखीमपुर जनपद में स्थित दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के आसपास का है, जो एक संरक्षित वन क्षेत्र है। घने जंगलों से घिरा यह इलाका रॉयल बंगाल टाइगर के लिए सबसे उपयुक्त क्षेत्र माना जाता है। दुधवा में हर साल बड़ी संख्या में वन्यजीव प्रेमी आते हैं, जो यहां की प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता का आनंद लेते हैं। यह राष्ट्रीय उद्यान नेपाल के धनगढ़ी शहर से लगा हुआ है, और सीमा खोले जाने के बाद अब पर्यटक आसानी से इस क्षेत्र की अनूठी वन्यजीवों को देख सकेंगे।
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान का महत्व इसके वन्यजीवों और जैविक विविधता के कारण है, जिसमें हाथी, तेंदुआ, भारतीय तेंदुआ, जंगली बिल्लियां, और कई प्रकार के पक्षी शामिल हैं। इस क्षेत्र की जैव विविधता और प्राचीन जंगलों का संरक्षण पर्यटकों के लिए आकर्षण का मुख्य कारण बना हुआ है।
कई राष्ट्रीय उद्यान का कर सकेंगे दीदार
पर्यटन मंत्री ने बताया कि भारत से नेपाल जाने के इच्छुक पर्यटकों के लिए बर्दिया राष्ट्रीय उद्यान एक प्रमुख आकर्षण स्थल है। इस उद्यान में पर्यटकों को बाघों और एक सींग वाले गैंडों की बड़ी संख्या में उपस्थिति देखने को मिलती है। यह स्थान वन्यजीव प्रेमियों के लिए बेहद खास है। इसके अलावा, शुक्ला फांटा राष्ट्रीय पार्क भी पर्यटकों के लिए लुभावने दृश्य और जैव विविधता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह एशिया का दूसरा सबसे बड़ा घास का मैदान है, जो इसकी अनूठी प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाता है।