Jagdalpur: सरकारी राशन वितरण में अनियमितता, ग्रामवासियों की बड़ी शिकायतें

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बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर के ग्राम पंचायत चोकनार में सरकारी राशन वितरण में गंभीर अनियमितता का मामला सामने आया है। ग्रामवासियों ने बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल के समक्ष इस गड़बड़ी को लेकर अपनी शिकायत दर्ज कराई।

ग्रामवासियों ने विस्तार से बताया कि राशन दुकान संचालक उन्हें केवल एक माह का राशन देते हैं, जबकि फिंगर प्रिंट मशीन पर दो माह के राशन की स्वीकृति ली जाती है। इसका अर्थ है कि एक माह का राशन वितरित करने के बावजूद, दूसरी माह की पात्रता भी दुकान संचालक अपने नाम से ले लेते हैं, जिससे ग्रामीणों को उनके हक का राशन नहीं मिल रहा है।

ग्रामवासियों ने बताया कि इस प्रकार की गड़बड़ी लंबे समय से चल रही है और इसके बावजूद कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने विधायक लखेश्वर बघेल से मांग की कि इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि राशन वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके और गरीब ग्रामीणों को उनके हिस्से का पूरा राशन मिल सके।

विधायक ने ग्रामीणों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि इस मामले की जल्द से जल्द जांच करवाई जाएगी और दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों और दुकान संचालक के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। ग्रामीणों की इस पहल ने सरकारी योजनाओं के सही क्रियान्वयन पर सवाल उठाया है और इसे सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की जा रही है।राशन वितरण में भारी गड़बड़ी: ग्रामीणों की शिकायत

छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में सरकारी राशन वितरण व्यवस्था में गंभीर गड़बड़ी के आरोप सामने आ रहे हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सरकारी राशन वितरण दुकान में लैमप्स संचालक द्वारा राशन वितरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि राशन वितरण के दौरान उनसे फिंगर प्रिंट मशीन के माध्यम से दो माह के राशन की पुष्टि ली जा रही थी, लेकिन वास्तविकता में उन्हें सिर्फ एक माह का राशन दिया जा रहा था। इस अनियमितता को लेकर ग्रामीणों ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है।

विधायक लखेश्वर बघेल का बयान

बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार के दौरान या पुरानी व्यवस्था के अनुसार प्राथमिकता वाले हितग्राही परिवारों को न्यूनतम 35 किलो राशन देने का प्रावधान था। यदि परिवार में पांच से अधिक सदस्य होते थे, तो प्रत्येक सदस्य को 7 किलो राशन अतिरिक्त दिया जाता था।

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