Jagdalpur News: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में बस्तर ओलंपिक 2024 के प्रतीक चिन्ह और शुभंकर का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने बस्तर ओलंपिक के दो प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बस्तर क्षेत्र के युवाओं को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने, बस्तर की खेल प्रतिभाओं को सामने लाने, और बस्तर की जनता का शासन से मजबूत संबंध स्थापित करने के उद्देश्य से 5 नवंबर से 10 दिसंबर तक बस्तर ओलंपिक 2024 का आयोजन किया जा रहा है।
बस्तर ओलंपिक 2024 का प्रतीक चिन्ह बस्तर की पारंपरिक पहचान को समाहित करता है। प्रतीक चिन्ह के बायीं और दायीं ओर बस्तर क्षेत्र के प्रसिद्ध पारंपरिक वाद्य यंत्र ‘तुरही’ को दर्शाया गया है। यह वाद्य यंत्र मड़ई मेलों में देवी देवताओं के सम्मान में बजाया जाता है और गांव में सूचना देने हेतु भी इसका उपयोग होता है। प्रतीक चिन्ह के मध्य में हिन्दी में ‘बस्तर ओलंपिक 2024’ लिखा गया है, जिसमें ओलंपिक खेल विधाओं जैसे तीरदाजी, हॉकी, भारोत्तोलन, फुटबॉल, और वालीबॉल के लघु चिन्ह भी शामिल हैं। प्रतीक चिन्ह के नीचे गोंडी भाषा में ‘करसाय ता बस्तर बरसाय ता बस्तर’ का स्लोगन लिखा गया है, जिसका हिन्दी में अर्थ है ‘खेलेगा बस्तर, बढ़ेगा बस्तर’।
शुभंकर में ‘वन भैंसा’ और ‘पहाड़ी मैना’ को दर्शाया गया है, जो राज्य का राजकीय पशु और पक्षी हैं। यह शुभंकर वन्य जीव संरक्षण के उद्देश्य से बनाया गया है। वन भैंसा को खेल परिधान में दर्शाया गया है, जबकि पहाड़ी मैना उसके सींग पर बैठी है, जो खेल प्रतियोगिताओं में भागीदारी को प्रोत्साहित करती है।
बस्तर ओलंपिक में 11 खेल विधाओं के अंतर्गत प्रतियोगिताओं का आयोजन विकासखण्ड, जिला, और संभाग स्तर पर किया जाएगा। इसमें एथलेटिक खेलों के विभिन्न इवेंट, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, हॉकी, वेटलिफ्टिंग, कराते, कबड्डी, खो-खो, व्हॉलीबॉल और रस्साकसी शामिल हैं। नक्सल हिंसा में दिव्यांग व्यक्तियों तथा आत्मसमर्पित नक्सलियों के विशेष प्रोत्साहन हेतु उनकी प्रतिभागिता सुनिश्चित की जाएगी।