Jagdalpur News: http://sarkariplus.inकरवा चौथ भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे विशेष रूप से विवाहित महिलाएं बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाती हैं। यह पर्व मुख्यतः उत्तर भारत में मनाया जाता है, लेकिन आजकल इसका उत्सव विदेशों में भी भारतीय समुदाय द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है।
इस दिन, महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए उपवास रखती हैं। सुबह से बिना जल-पान किए, वे पूरे दिन कठिनाई सहन करती हैं। शाम को चाँद निकलने के बाद, महिलाएं चाँद को देखने के बाद अपने पति का सम्मान करती हैं और उन्हें भोजन कराती हैं। इस पर्व के दौरान रक्षाबंधन की तरह ही प्रेम और समर्पण की भावना को दर्शाया जाता है।
करवा चौथ की तैयारी में महिलाएं विशेष वस्त्र पहनती हैं, मेहंदी लगाती हैं और सजती-सजती हैं। पूजा की थाली में करवे, मिठाई, और पूजा सामग्री रखी जाती है। यह पर्व न केवल दांपत्य जीवन में प्रेम और एकता का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की गहराई और रिवाजों की समृद्धि को भी दर्शाता है।जगदलपुर, जो बस्तर संभाग का मुख्यालय है, में पंजाब सनातन धर्म गीता भवन में करवा चौथ पूजा का आयोजन हुआ। इस मौके पर सुहागिन महिलाएं, जिनमें दीप्ति पांडे भी शामिल थीं, और गीता भवन के पुजारी पंडित रामचरण मिश्रा ने पूजा के महत्व को साझा किया। उन्होंने बताया कि यह पर्व सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पतियों की दीर्घायु, अच्छे स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और मंगल कामना के लिए मनाया जाता है।