Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में 119 एक्टिव आतंकियों के बावजूद सेना की सफलताखुफिया रिपोर्ट्स एलओसी (लाइन्स ऑफ कंट्रोल) पर आतंकी गतिविधियों में कमी और आंतरिक इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियानों में सफलता की ओर भी इशारा करती हैं. इसका श्रेय आतंकवादियों के खिलाफ चलाए गए कड़े और सशक्त अभियानों को जाता है, जो सुरक्षा बलों द्वारा बड़े पैमाने पर और तेज़ी से किए गए थे. इन अभियानों के तहत आतंकवादियों के नेटवर्क को नष्ट करने और उनकी गतिविधियों को विफल करने के लिए निर्णायक कदम उठाए गए.
इन कार्यवाहियों के परिणामस्वरूप, कई आतंकवादी संगठन अपनी गतिविधियाँ सीमित करने और आत्मसमर्पण करने पर मजबूर हो गए हैं. विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में, जहां आतंकवादी संगठन सक्रिय रहते थे, सुरक्षा बलों की रणनीतियों और अभियान की सफलता ने आतंकी गतिविधियों में महत्वपूर्ण गिरावट को देखा है.
यह सफलता सुरक्षा बलों की कार्यकुशलता, आधुनिक तकनीकी उपकरणों और सामूहिक जानकारी साझा करने के कारण संभव हो पाई है. इसके अतिरिक्त, नागरिकों की भागीदारी और उनके सहयोग ने भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत किया है.
हालाँकि, सुरक्षा बलों को लगातार सतर्क और चौकस रहना होगा, क्योंकि आतंकवादी संगठन समय-समय पर अपनी रणनीतियाँ बदलते रहते हैं, लेकिन यह सफलता निश्चित रूप से आतंकवाद पर काबू पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
जम्मू-कश्मीर में वर्तमान में बड़ी संख्या में आतंकवादी सक्रिय हैं। हाल की खुफिया जानकारी से पता चला है कि घाटी में 119 आतंकवादी अभी भी सक्रिय रूप से मौजूद हैं। इन आतंकवादियों का नेटवर्क कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों में फैला हुआ है, और वे सुरक्षा बलों के लिए लगातार चुनौती बने हुए हैं। खुफिया एजेंसियों ने यह जानकारी साझा की है कि इन आतंकवादियों का उद्देश्य स्थानीय शांति और सुरक्षा को प्रभावित करना है।
इन आतंकवादियों के पास अत्याधुनिक हथियार और उपकरण हैं, जो उन्हें सुरक्षा बलों के खिलाफ अभियान चलाने में सक्षम बनाते हैं। विशेष रूप से आतंकवादी संगठन स्थानीय युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने में कामयाब हो रहे हैं, जो क्षेत्रीय अशांति को बढ़ावा देते हैं। इस मामले में, खुफिया एजेंसियों द्वारा की जा रही कार्रवाई और सुरक्षाबलों के प्रयासों के बावजूद, आतंकवादियों का प्रभाव अभी भी बना हुआ है।
सुरक्षा बलों ने इन आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई है, ताकि घाटी में शांति और व्यवस्था बहाल की जा सके। सुरक्षा एजेंसियां लगातार इन आतंकवादियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्त में लेने के लिए ऑपरेशंस चला रही हैं। यह स्थिति जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा चुनौतियों को और अधिक जटिल बनाती है, जहां आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी है।