Janjgir-Champa: जांजगीर-चांपा जिले के सिर्री गांव के निवासी सुबासु ने सूखे और पानी की कमी जैसी समस्याओं के बावजूद अपनी मेहनत और समझदारी से अपनी तकदीर बदल दी। उन्होंने मनरेगा योजना का लाभ उठाते हुए अपनी निजी जमीन पर एक डबरी (छोटा जलाशय) का निर्माण करवाया। इस डबरी का निर्माण उन्होंने पिछले साल कराया, जिसका मुख्य उद्देश्य सिंचाई के लिए पानी का स्थायी प्रबंध करना था।
इस जलाशय की वजह से अब सुबासु को मौसम पर निर्भर नहीं रहना पड़ता, और उन्हें सालभर सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल जाता है। इसका सीधा असर उनकी फसलों की पैदावार पर पड़ा है, जो अब पहले से बेहतर और अधिक हो रही है। यह डबरी अब न केवल उनकी फसलों के लिए पानी का स्रोत है, बल्कि उनकी आय का भी एक स्थायी जरिया बन गई है। सुबासु की यह कहानी प्रेरणा देती है कि सही योजना और मेहनत से बड़ी से बड़ी समस्याओं का हल निकाला जा सकता है।
जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत सिर्री में रहने वाले सुबासू दिनकर की कहानी ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता का एक प्रेरणादायक उदाहरण है। पहले, उनके खेतों में पानी की कमी के कारण न तो बारिश की फसल सही ढंग से हो पाती थी और न ही दोहरी फसल की संभावना थी। इस समस्या से परेशान होकर उन्होंने महात्मा गांधी नरेगा योजना का सहारा लिया।
सुबासू ने रोजगार सहायक से संपर्क किया और योजना के तहत निजी डबरी और कुआं निर्माण की जानकारी प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने ग्राम पंचायत में आवेदन दिया, जिसे स्वीकृत कर प्रस्ताव तैयार किया गया। वर्ष 2023-24 में उनके खेत में डबरी निर्माण के लिए 2.24 लाख रुपये की मंजूरी मिली। मजदूरों ने महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत डबरी निर्माण का कार्य पूर्ण किया।
आज इस डबरी ने सुबासू की खेती को नया जीवन दिया है। अब वे अपनी फसलों की सिंचाई कर पा रहे हैं और साथ ही मछली पालन जैसे अतिरिक्त आय के स्रोत भी विकसित कर चुके हैं। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है, बल्कि वे अन्य किसानों के लिए प्रेरणा भी बने हैं। उन्होंने डबरी के आसपास बाड़ी लगाई और उसकी मेड़ पर उड़द और अरहर की खेती शुरू की। इससे उन्हें नियमित आमदनी होने लगी।