किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (KVPY) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसे भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बंगलुरु द्वारा भारतीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया गया है। इस योजना का उद्देश्य उन विद्यार्थियों को प्रोत्साहन और सहायता प्रदान करना है, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक हैं। KVPY उन विद्यार्थियों को पहचानने का एक उपाय है जो भविष्य में वैज्ञानिक बनना चाहते हैं।
उद्देश्य: KVPY का मुख्य उद्देश्य भारत में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाना और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रोत्साहन देना है, ताकि वे वैज्ञानिक अनुसंधान और विकास में योगदान दे सकें। यह योजना उन विद्यार्थियों को ढूंढ़ने और उनका मार्गदर्शन करने के लिए है, जो उच्च स्तर पर विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करना चाहते हैं।
योजना की संरचना: KVPY योजना का संचालन भारतीय विज्ञान संस्थान द्वारा किया जाता है। इसमें विभिन्न वर्गों में आवेदन मंगाए जाते हैं, और चयन परीक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों का चयन किया जाता है।
पात्रता मानदंड: KVPY के लिए आवेदन करने वाले विद्यार्थियों को निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करना होता है:
Stream SA: 12वीं कक्षा में विज्ञान (पीसीएम) विषय के साथ पढ़ाई कर रहे विद्यार्थी। इन विद्यार्थियों को KVPY परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद 1 वर्ष की स्कॉलरशिप दी जाती है।
Stream SX: 12वीं कक्षा पास करने के बाद, जो छात्र B.Sc., B.S., B.Stat., B.Math., या B.Tech. (स्नातक स्तर) की पढ़ाई कर रहे हैं, वे इस श्रेणी में आते हैं।
Stream SB: बी.एससी., बी.टेक, या अन्य स्नातक स्तर के छात्रों के लिए यह श्रेणी होती है। इस श्रेणी के छात्र जब स्नातक के दूसरे वर्ष में प्रवेश करते हैं, तो उन्हें KVPY परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद वित्तीय सहायता मिलती है।
परीक्षा पैटर्न: KVPY परीक्षा का आयोजन हर साल अक्टूबर या नवंबर में किया जाता है। परीक्षा में दो चरण होते हैं:
प्रारंभिक परीक्षा (Aptitude Test): यह एक ऑनलाइन परीक्षा होती है, जिसमें बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) होते हैं। इस परीक्षा में गणित, भौतिकी, रसायन शास्त्र और जीवविज्ञान से संबंधित सवाल होते हैं।