मध्य प्रदेश: आदिवासी बटालियन, पहली बार दुर्गावती के द्वार पर

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मध्य प्रदेश : मोहन सरकार, मध्य प्रदेश में पहली बार आदिवासियों की बटालियन बनाने की योजना बना रही है। इस पहल का उद्देश्य आदिवासी समुदाय के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाना है और उन्हें विशेष अधिकार एवं पहचान प्रदान करना है। इसके साथ ही, मोहन कैबिनेट की अगली बैठक आदिवासी अस्मिता की प्रतीक रानी दुर्गावती की राजधानी में होगी।

यह निर्णय बीजेपी सरकार द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम को दर्शाता है, जिसमें वह अपने राजनीतिक एजेंडे को फिर से संरेखित कर रही है। यह एक रणनीतिक मूव है, जो न केवल प्रदेश की राजनीति में तत्काल प्रभाव डालेगा, बल्कि इसके दीर्घकालिक परिणाम भी होंगे। ऐसे में, प्रदेश की राजनीति में इस पहल के प्रभावों को अवश्य देखा जाएगा।

मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय को समर्थन देने के लिए आज मुख्यमंत्री मोहन ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इनमें से सबसे प्रमुख निर्णय यह है कि प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजातियों—बैगा, भारिया और सहरिया—के लिए एक बटालियन का गठन किया जाएगा।

युवाओं के लिए प्रशिक्षण और भर्ती

इस बटालियन का उद्देश्य पुलिस, सेना, और होमगार्ड में भर्ती के लिए युवाओं को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करना है। मुख्यमंत्री ने युवाओं को रोजगार और सेवा से जोड़ने के लिए PGVT बटालियन बनाने के निर्देश भी दिए हैं। यह निर्णय आदिवासी युवाओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाओं से जोड़ेगा।

कैबिनेट बैठक का आयोजन

इसी के साथ, 5 अक्टूबर को होने वाली कैबिनेट बैठक को रानी दुर्गावती को समर्पित किया गया है। यह बैठक रानी दुर्गावती की ऐतिहासिक राजधानी सिंग्रामपुर में आयोजित की जाएगी, जो उनके योगदान और विरासत को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

इन फैसलों के माध्यम से मोहन सरकार ने आदिवासी समुदाय के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया है, जिससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद हैआदिवासियों के प्रति सरकार की नीतियाँ

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