प्रधानमंत्री कृषि विकास योजना (RKVY) भारतीय सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र के समग्र विकास और किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है। यह योजना 2007-08 में शुरू की गई थी और इसका मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाना, किसानों को प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान करना, और कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देना है। यह योजना राज्य सरकारों, केंद्र सरकार और अन्य संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से लागू की जाती है।
प्रधानमंत्री कृषि विकास योजना, भारत सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई एक प्रमुख पहल है। इस योजना का उद्देश्य कृषि के साथ जुड़े बुनियादी ढांचे को सुधारना, बेहतर तकनीकी सहायता प्रदान करना और किसानों को वित्तीय मदद देना है। इसके तहत किसानों को सिंचाई, उपकरण, और कृषि संबंधी अन्य सुविधाओं पर विशेष सब्सिडी दी जाती है, ताकि वे आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करके उत्पादन बढ़ा सकें और अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकें। यह योजना भारतीय कृषि क्षेत्र में समृद्धि लाने के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरी है।
प्रमुख उद्देश्य:
कृषि उत्पादन में वृद्धि: कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली तकनीकी सेवाएं और प्रशिक्षण प्रदान करना।
कृषि में नवाचार: उन्नत कृषि तकनीकों और वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा देना ताकि किसान अधिक उत्पादक और प्रतिस्पर्धी बन सकें।
कृषि बुनियादी ढांचा: कृषि में सिंचाई, सड़क, गोदाम, मंडी आदि जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार और विकास।
कृषक कल्याण: किसानों की आय में वृद्धि, उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार, और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन।
पारंपरिक कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देना: साथ ही आधुनिक तकनीकों को पारंपरिक पद्धतियों के साथ मिश्रित करना।
योजना के मुख्य तत्व:
केंद्र और राज्य सरकार की साझेदारी: यह योजना केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझेदारी पर आधारित है, जिसमें दोनों के योगदान से कृषि क्षेत्र में विकास कार्य किए जाते हैं।
कृषक और कृषि विकास योजनाएं: किसानों के लिए सब्सिडी और वित्तीय सहायता के माध्यम से कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देना।
इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश: कृषि संबंधित बुनियादी ढांचे को मजबूत करना जैसे कि सिंचाई परियोजनाएं, गोदाम निर्माण, और ग्रामीण सड़कें।