प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) भारत सरकार द्वारा 2016 में शुरू की गई एक मातृत्व लाभ योजना है, जिसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को उनके पहले जीवित बच्चे के जन्म के समय स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के प्रति संवेदनशील बनाने और मातृत्व के समय में स्वच्छता और पोषण को बढ़ावा देना है।
योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को पोषण, स्वास्थ्य देखभाल, और प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं प्रदान करना है। इसके माध्यम से महिलाओं को जन्म के बाद का उचित देखभाल, पोषण और स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। योजना में विशेष रूप से उन महिलाओं को लाभ प्रदान किया जाता है जो सरकारी योजनाओं से जुड़े नहीं हैं या जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।
योजना की मुख्य विशेषताएँ:
वित्तीय सहायता
इस योजना के तहत, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि तीन किश्तों में दी जाती है:
- पहली किश्त (1,000 रुपये) गर्भवती महिला के पंजीकरण के समय।
- दूसरी किश्त (2,000 रुपये) 6 महीने के गर्भवती होने पर।
- तीसरी किश्त (2,000 रुपये) बच्चे के जन्म के बाद और पहले छह महीने के भीतर शिशु को स्तनपान करवाने के बाद।
किसे मिलेगा लाभ?
- यह योजना केवल महिलाओं के लिए है जिनका पहला बच्चा है।
- लाभ प्राप्त करने के लिए महिला को भारत सरकार द्वारा संचालित मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी होना चाहिए।
- यह योजना विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए है, जो सरकारी योजनाओं से पहले लाभ नहीं प्राप्त कर पा रही थीं।
प्रोसेस और पात्रता
- महिलाओं को योजना का लाभ उठाने के लिए योजना के तहत पंजीकरण करना होगा।
- पंजीकरण के दौरान गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी दी जाती है और गर्भवती महिला का स्वास्थ्य मूल्यांकन किया जाता है।
- योजना का लाभ उठाने के लिए संबंधित स्वास्थ्य केंद्रों से संपर्क करना आवश्यक होता है।
लाभ और परिणाम
महिलाओं के लिए वित्तीय सुरक्षा
यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए एक सहारा बनकर उभरी है, जिससे वे मातृत्व के दौरान कुछ हद तक वित्तीय मदद प्राप्त कर सकती हैं।