IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज का आगाज पर्थ में होने जा रहा है। इस टेस्ट सीरीज से पहले भारत के कार्यवाहक कप्तान जसप्रीत बुमराह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी टीम की तैयारियों और मानसिकता के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि टीम हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली 0-3 की हार का बोझ लेकर नहीं आई है, बल्कि यह एक नई शुरुआत करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। बुमराह ने यह भी स्पष्ट किया कि टीम ने हार से कुछ सीख लिया है और अब उनका ध्यान आगामी सीरीज पर केंद्रित है।
बुमराह ने कहा, “हमने पिछली हार से काफी कुछ सीखा है, लेकिन अब हम पूरी तरह से आगे बढ़ने और एक नई दिशा में खेलने के लिए तैयार हैं। हमारी टीम मानसिक रूप से मजबूत है और हमें अपनी योजना के साथ मैदान पर उतरने का पूरा विश्वास है।”
यह सीरीज दोनों टीमों के लिए अहम है, और बुमराह का नेतृत्व इस सीरीज में टीम की सफलता के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
बुमराह नए कप्तान
जसप्रीत बुमराह, जो भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज और फिलहाल कार्यवाहक कप्तान हैं, ने बताया कि नियमित कप्तान रोहित शर्मा पर्थ टेस्ट मैच में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। इसका कारण यह है कि रोहित शर्मा हाल ही में दूसरी बार पिता बने हैं, और इसी वजह से उन्होंने इस मैच से विराम लिया है।
बुमराह ने कहा कि टीम की कप्तानी करना उनके लिए बड़े सम्मान की बात है। उन्होंने जोर दिया कि वे इस जिम्मेदारी को पूरी गंभीरता और समर्पण के साथ निभाएंगे। उनका लक्ष्य टीम को जीत दिलाना है, और वे इसके लिए अपना सर्वोत्तम प्रयास करेंगे।
Indian playing-11
भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने कहा है कि भारतीय क्रिकेट टीम ने पर्थ टेस्ट मैच के लिए अपनी प्लेइंग-11 का चयन कर लिया है, लेकिन टीम के नाम फिलहाल गुप्त रखे गए हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि टॉस के बाद ही इन खिलाड़ियों के नाम का खुलासा किया जाएगा। यह रणनीति इस बात को दर्शाती है कि टीम अपने खेल को लेकर पूरी तरह से तैयार है और अपने विरोधियों को रणनीतिक तौर पर चौंकाने की योजना बना रही है। बुमराह का यह बयान टीम की मानसिक तैयारी और खेल के प्रति उनके समर्पण को भी उजागर करता है।
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यह निर्णय इंगित करता है कि भारतीय टीम हर परिस्थिति का सामना करने के लिए लचीली और सतर्क है, जिससे टीम प्रबंधन को सही समय पर निर्णय लेने में मदद मिलती है।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण
बुमराह ने यह भी बताया कि भारत को इस सीरीज में चार मैच जीतने की आवश्यकता है ताकि वे विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में सीधे प्रवेश कर सकें। उनका कहना था कि यह सीरीज भारतीय टीम के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, और इस सीरीज में जीत से टीम को फाइनल में जगह बनाने का सुनहरा मौका मिलेगा। बुमराह ने यह भी जोड़ा कि टीम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए पूरी तरह से तैयार है और पिछले मैचों और सीरीज के अनुभवों से उन्हें काफी कुछ सीखने का मौका मिला है। उनका आत्मविश्वास और अनुभव टीम को इस सीरीज में जीत की ओर मार्गदर्शन करेंगे, और वे पूरी तरह से तैयार हैं किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए।
बुमराह ने कहा, जीतने पर शून्य से शुरुआत होती है
बुमराह ने अपनी बात में यह कहा कि जीतने पर, टीम को शून्य से शुरुआत करनी होती है, क्योंकि हर जीत को नए सिरे से बनाने और निरंतर सुधार की आवश्यकता होती है। वहीं, हारने के बाद भी टीम को शून्य से ही शुरुआत करनी पड़ती है, क्योंकि हार के बाद आत्मविश्वास और मानसिक दृढ़ता को फिर से बनाने की आवश्यकता होती है। उन्होंने यह भी बताया कि टीम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ हाल की सीरीज से कुछ अहम सीखें ली हैं, जो उनकी खेल रणनीतियों और प्रदर्शन में मदद करेंगी। अब, उनकी पूरी नजरें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी मुकाबलों पर हैं, जहां वह अपनी पूरी ताकत और आत्मविश्वास के साथ खेलना चाहेंगे।
तेज गेंदबाजों का आक्रमण
जब रोहित से बुमराह के कप्तानी छोड़ने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने तेज गेंदबाजों को कप्तान बनाने के पक्ष में अपनी बात रखी। उनका कहना था कि तेज गेंदबाजों का दृष्टिकोण और अनुभव उन्हें एक प्रभावी कप्तान बना सकता है। तेज गेंदबाजों का खेल की स्थिति पर गहरी समझ होती है और उनका अनुभव उन्हें टीम की रणनीतियों को सही तरीके से अपनाने में मदद करता है। इसके अलावा, वे मैदान पर अपनी आक्रामकता और नेतृत्व कौशल के लिए भी जाने जाते हैं, जो किसी भी कप्तान के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।