राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) भारत सरकार द्वारा वर्ष 2007 में शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य देश में खाद्य सुरक्षा की स्थिति को सुदृढ़ करना है। इसका मुख्य उद्देश्य चावल, गेहूं, दालों, तिलहन, और अन्य आवश्यक कृषि उत्पादों की उत्पादकता में वृद्धि करना है ताकि राष्ट्रीय स्तर पर खाद्य की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) भारत सरकार द्वारा 2007 में शुरू किया गया एक महत्वकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य देश में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। इस मिशन के तहत मुख्य रूप से चावल, गेहूं, दाल, और अन्य प्रमुख अनाजों का उत्पादन बढ़ाने के लिए तकनीकी, वित्तीय, और प्रशासनिक सहायता प्रदान की जाती है। इसका उद्देश्य किसानों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाना, खाद्य उत्पादन में स्थिरता लाना, और देशभर में पर्याप्त एवं सस्ते खाद्य अनाज की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। यह मिशन किसानों को बेहतर कृषि तकनीक, उन्नत बीज, और सिंचाई सुविधाएं प्रदान कर खाद्य सुरक्षा की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाता है।
NFSM के उद्देश्य:
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- कृषि उत्पादन में वृद्धि: इसका मुख्य उद्देश्य खाद्य उत्पादों की उपज में वृद्धि करना है, जिससे समग्र खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
- कृषक की आय में सुधार: किसानों की आय बढ़ाने के लिए उनकी कृषि पद्धतियों को उन्नत करना, जिससे उनकी समृद्धि बढ़ सके।
- सतत कृषि का प्रोत्साहन: पर्यावरणीय नुकसान को कम करते हुए खेती की तकनीकों को सुधारना।
- खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना: देश में खाद्यान्न की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना, खासकर उन क्षेत्रों में जो खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं।
NFSM के प्रमुख घटक:
- चावल और गेहूं: NFSM के तहत चावल और गेहूं की उपज बढ़ाने के लिए उन्नत तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया गया है।
- दाल उत्पादन: दालों की उपज बढ़ाने के लिए खासतौर पर दालों की खेती को बढ़ावा दिया गया है।
- तिलहन और मूंगफली: तिलहन और मूंगफली की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में सुधार किए गए हैं।
- सिंचाई का प्रबंधन: सिंचाई के बेहतर तरीके और जल प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए भी योजनाएं बनाई गई हैं।
- प्रौद्योगिकी का प्रसार: नई कृषि प्रौद्योगिकियों का प्रसार और किसानों को उनके लाभ के बारे में जागरूक करना।