Raipur: रायपुर सेंट्रल जेल में जल्द ही एक अनोखा रेडियो स्टेशन “उमंग-तरंग” शुरू किया जाएगा, जो पुणे की यरवदा जेल की तर्ज पर कार्य करेगा। यह रेडियो स्टेशन केवल जेल परिसर के भीतर ही सुना जा सकेगा। यहाँ हिंदी और छत्तीसगढ़ी गीतों के साथ-साथ शिक्षाप्रद कहानियाँ और समाचार भी प्रसारित किए जाएंगे।
इस रेडियो स्टेशन के संचालन के लिए कैदियों का चयन किया जा रहा है, ताकि उन्हें इस माध्यम के जरिए एक सकारात्मक दिशा दी जा सके। इसका मुख्य उद्देश्य कैदियों के तनाव को कम करना और उनके भीतर अच्छाई और सकारात्मकता का विकास करना है।
गौरतलब है कि इस पहल की शुरुआत 9 अगस्त 2021 को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर जगदलपुर सेंट्रल जेल में की गई थी। यह कदम न केवल कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि उन्हें एक नई पहचान और आत्मविश्वास भी प्रदान करेगा।जेल के भीतर उमंग तरंग रेडियो स्टेशन का परिचय
जेल के भीतर “उमंग तरंग” नाम से शुरू किया जाने वाला रेडियो स्टेशन, कैदियों के लिए एक नई उम्मीद और प्रेरणा का स्रोत बनेगा। इस रेडियो स्टेशन के माध्यम से कैदियों को माइक, स्पीकर, केबल और समाचार पत्र जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
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यह स्टेशन सुबह करीब 10 बजे जेल परिसर में ही सुनाई देगा, जिससे कैदियों को अपने विचार साझा करने, संगीत सुनने और सामुदायिक समाचारों से जुड़े रहने का अवसर मिलेगा। “उमंग तरंग” न केवल मनोरंजन का एक साधन होगा, बल्कि यह कैदियों के लिए आत्म-व्यक्तिकरण और संवाद का एक महत्वपूर्ण मंच भी प्रदान करेगा।
इस पहल के तहत कैदियों को अपने अनुभव, कहानियां और विचार साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे वे अपनी स्थिति से ऊपर उठने और एक नई शुरुआत करने की दिशा में कदम बढ़ा सकें। यह कार्यक्रम कैदियों की मानसिक स्वास्थ्य और उनकी सामाजिक पुनर्वास की प्रक्रिया में भी सहायक साबित होगा।जेल में शुरू होने वाले रेडियो स्टेशन को तार के माध्यम से सभी बैरकों से जोड़ा जाएगा। इसे इस तरह से सेट किया जाएगा कि इसे जेल के अंदर ही आसानी से सुना जा सके। खास बात यह है कि जेल की दीवारों के पास भी इसे बिना किसी उपकरण के सुना जा सकेगा। जेल प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि रेडियो पर प्रसारित किए जाने वाले कार्यक्रमों पर विभाग की निगरानी रखी जाएगी, ताकि आपत्तिजनक गीत, भाषा और तनाव उत्पन्न करने वाले कार्यक्रमों पर रोक लगाई जा सके। इस पहल का उद्देश्य कैदियों के लिए मनोरंजन के साथ-साथ सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है।प्रस्तावित कार्यक्रम की योजना दोपहर 2 बजे से लेकर शाम 4 बजे से 8 बजे तक संचालित करने की है। कार्यक्रम के सेटअप के पूरा होने के बाद समय को निश्चित किया जाएगा। रेडियो प्रसारण की शुरुआत सुबह सबसे पहले प्रसिद्ध फिल्म “दो आंखें बारह हाथ” के लोकप्रिय गीत “ऐ मालिक तेरे बंदे हम” से होगी। इसके पश्चात, देश-विदेश में होने वाले प्रमुख समाचारों का बाचन किया जाएगा, और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।यह कार्यक्रम कैदियों की पसंद को ध्यान में रखते हुए तैयार नहीं किया जाएगा, बल्कि इसे एक निश्चित प्रारूप के अनुसार प्रसारित किया जाएगा। विभिन्न त्योहारों और आयोजनों के दौरान इस कार्यक्रम में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे ताकि विशेष अवसरों का समावेश हो सके। कैदी अपने पसंदीदा गीतों का आनंद भी ले सकेंगे, जिससे उन्हें मनोरंजन का एक अवसर मिलेगा। इसके लिए प्रशिक्षित और योग्य कैदियों की एक टीम का गठन किया जाएगा, जो अपने अनुसार कार्यक्रमों को तैयार करने में सक्षम होगी। इस पहल से कैदियों को अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करने का अवसर मिलेगा और वे विभिन्न गतिविधियों में भाग ले सकेंगे।