Samoda : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिला रायपुर ग्रामीण के समोदा उपखंड के स्वयंसेवकों द्वारा विजयादशमी के अवसर पर एक भव्य पथ संचलन का आयोजन किया गया। इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जिला एवं सत्र न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश अग्रलाल जोशी उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में नया रायपुर के प्रतिष्ठित व्यवसायी मनोज शर्मा और तहसील साहू समाज के प्रमुख सोहनलाल साहू भी कार्यक्रम का हिस्सा बने। इसके अलावा, रायपुर ग्रामीण के जिला कार्यवाह लोकनाथ साहू ने कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने एकजुट होकर विजयादशमी के उत्सव को मनाने के साथ-साथ समाज में एकता और संगठन के महत्व को भी उजागर किया।कार्यक्रम शस्त्र पूजन के साथ प्रारंभ हुआ, जिसमें विशेष रूप से उपस्थित मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में वर्तमान समय में हो रहे धर्मांतरण पर हिंदू समाज से एकजुट होकर कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने इस मुद्दे की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए समाज के सभी वर्गों से एकजुट होने का आह्वान किया। विशिष्ट अतिथि मनोज कुमार शर्मा ने कहा कि संघ की शाखा में आने वाले बाल स्वयंसेवक ही भविष्य में संघ कार्य के लिए कार्यकर्ता बनेंगे। उन्होंने युवा पीढ़ी को सक्रियता और समर्पण के साथ संघ की गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया, ताकि वे आगे चलकर समाज और देश की सेवा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। इस कार्यक्रम ने उपस्थित सभी लोगों में एक नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार किया।यहां पर दी गई जानकारी का मानव-लिखित विवरण हिंदी में प्रस्तुत है:
सोहनलाल साहू ने अपने उद्बोधन में कहा कि संघ का कार्य ईश्वरीय कार्य है। इसके बाद कार्यक्रम के मुख्य वक्ता लोकनाथ साहू ने रानी दुर्गावती की जयंती का शताब्दी वर्ष मनाने की चर्चा की, जो पिछले वर्ष सम्पन्न हुआ। उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्यादेवी होल्कर की 300वीं जयंती 31 मई से प्रारंभ हो चुकी है। साथ ही, स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती का भी उत्सव मनाया जा रहा है।
लोकनाथ साहू ने बताया कि इन सभी महान व्यक्तियों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपने कार्य किए, लेकिन उनकी सोच और कार्य करने का तरीका समान था। उन्होंने प्रमाणिकता और निस्वार्थता से देश, समाज, संस्कृति, और धर्म के हित में कार्य किया।
वर्षभर, संघ के स्वयंसेवक शारीरिक और बौद्धिक प्रशिक्षण में लगे रहते हैं, और विजयादशमी के अवसर पर संघ के कार्य का एक संक्षिप्त प्रदर्शन समाज के बीच होता है। उन्होंने आगे बताया कि संघ का शताब्दी वर्ष एक वर्ष बाद शुरू होगा, जिसके पूर्व समाज में जागरण के लिए पांच प्रमुख विषयों पर कार्य करने का दायित्व हम सभी का है। संघ के शताब्दी वर्ष के अंतर्गत, देश के हर गांव में स्वयंसेवकों की टोली बनाने का लक्ष्य रखा गया है।