वन स्टॉप सेंटर योजना (OSC) महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने और पीड़ित महिलाओं को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य एक ही स्थान पर महिलाओं को आपातकालीन सहायता, परामर्श, चिकित्सा, कानूनी सहायता और पुनर्वास सेवाएं प्रदान करना है। नीचे वन स्टॉप सेंटर योजना के प्रमुख बिंदुओं का विवरण दिया गया हैवन स्टॉप सेंटर योजना (OSC) एक सरकारी पहल है, जिसका उद्देश्य हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक ही स्थान पर सहायता और समर्थन प्रदान करना है। यह केंद्र पुलिस सहायता, कानूनी परामर्श, चिकित्सा सेवा और मानसिक सहायता जैसी सेवाएं उपलब्ध कराता है। योजना का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण सुनिश्चित करना है।
योजना का उद्देश्य
- हिंसा से प्रभावित महिलाओं को त्वरित और एकीकृत सहायता प्रदान करना।
- महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा, यौन शोषण, मानसिक उत्पीड़न, और तस्करी जैसे मामलों में मदद करना।
- पीड़ित महिलाओं को पुनर्वास और सशक्तिकरण के लिए संसाधन उपलब्ध कराना।
सेवाएं
- आवासीय सुविधा: जरूरतमंद महिलाओं को अस्थायी रहने की व्यवस्था।
- कानूनी सहायता: कानूनी परामर्श और नि:शुल्क वकील की सुविधा।
- परामर्श: मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक समर्थन के लिए परामर्शदाता।
- चिकित्सा सहायता: आवश्यक प्राथमिक चिकित्सा और मेडिकल चेकअप।
- पुलिस सहायता: पुलिस रिपोर्ट दर्ज कराने में सहायता।
- पुनर्वास सेवाएं: पीड़ित महिलाओं को रोजगार और कौशल विकास में सहायता।
लाभार्थी
- हिंसा का शिकार हुई सभी महिलाएं (18 वर्ष और उससे अधिक)।
- विशेष परिस्थितियों में नाबालिग लड़कियां भी इस योजना का लाभ उठा सकती हैं।
कार्यान्वयन
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD) इस योजना का संचालन करता है।
- हर जिले में वन स्टॉप सेंटर की स्थापना की जाती है।
- इन केंद्रों को “सखी केंद्र” के रूप में भी जाना जाता है।
संपर्क और पहुंच
- हेल्पलाइन नंबर: महिलाओं के लिए 24×7 टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 181 उपलब्ध है।
- वन स्टॉप सेंटर अस्पतालों, थानों और कोर्ट के निकट स्थापित किए जाते हैं ताकि पीड़ितों को जल्दी सहायता मिल सके।
सफलता और प्रभाव
- महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- हिंसा से संबंधित मामलों में न्याय दिलाने और मानसिक व शारीरिक पुनर्वास में मदद।
- कई महिलाओं ने इन केंद्रों के माध्यम से अपनी स्थिति में सुधार किया।
यह योजना महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत कदम है। इसकी पहुंच और प्रभाव को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।